रुद्राक्ष की माला
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रुद्राक्ष माला :
- यह माला किसी ज्योतिष से पूछकर ही पहनें। यह आपके रक्तचाप को कंट्रोल या अनकंट्रोल कर सकती है। आमतौर पर एक से लेकर चौदहमुखी रुद्राक्ष की माला बनाई जाती है।
- कहते हैं कि 26 दानों की माला सिर पर, 50 की गले में, 16 की बांहों में और 12 की माला मणिबंध में पहनने का विधान है।
- 108 दानों की माला पहनने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। पद्म पुराण, शिव महापुराण अनुसार इसे पहनने वाले को शिवलोक मिलता है।
शिवपुराण में कहा गया है-
यथा च दृश्यते लोके रुद्राक्ष: फलद: शुभ:। न तथा दृश्यन्ते अन्या च मालिका परमेश्वरि।।
अर्थात : विश्व में रुद्राक्ष की माला की तरह दूसरी कोई माला फल देने वाली और शुभ नहीं है।
श्रीमद् देवी भागवत में लिखा है-
रुद्राक्ष धारणच्च श्रेष्ठ न किचदपि विद्यते।
अर्थात : विश्व में रुद्राक्ष धारण से बढ़कर कोई दूसरी चीज नहीं है। रुद्राक्ष की माला श्रद्धा से पहनने वाले इंसान की आध्यात्मिक तरक्की होती है।
रुद्राक्ष :
- यह सर्वकल्याणकारी, मंगल प्रदाता एवं आयुष्यवर्द्धक है।
- पंचमुखी रुद्राक्ष मेष, धनु, मीन, लग्न के जातकों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है।
- यह माला सामान्यत: सभी मंत्रों के जप के लिए उपयोगी मानी गई है।
धारण विधि :
शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को किसी मंदिर में या घर पर शिवलिंग के समक्ष सर्वप्रथम रुद्राक्ष माला को गोमूत्र, दही, शहद, कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान करके शुद्ध करिए। तत्पश्चात "ॐ नमः शिवाय" की एक माला जाप कीजिए।
फिर रुद्राक्ष माला को शिवलिंग का स्पर्श कराकर आपकी जो भी मनोकामना है वो बोलकर रुद्राक्ष माला धारण करें।।
Item Code : RudrakshMala
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